हिमाचल प्रदेश के 19.50 लाख राशन कार्ड धारकों को अगले महीने डिपो में आधा किलो आटा ज्यादा मिलेगा। चावल पहले की तरह छह किलो ही मिलेगा। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने दिसंबर माह के राशन का आवंटन जारी कर दिया है। उपभोक्ताओं को नवंबर माह में प्रति राशन कार्ड 12.5 किलो आटा दिया गया है। दिसंबर में 13 किलो आटा देने का निर्णय लिया गया है। राशन कार्ड धारकों के लिए अन्य सब्सिडी वाले राशन में प्रति व्यक्ति तीन दालें मलका, माश और दाल चना, दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), 500 ग्राम चीनी और एक किलो नमक शामिल हैं।
राज्य सरकार उपभोक्ताओं को यह राशन मुहैया करा रही है जबकि केंद्र सरकार सब्सिडी पर आटा और चावल उपलब्ध करा रही है. राज्य सरकार ने डिपो धारकों को महीने की पहली तारीख को गोदामों से राशन उठाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने जिला नियंत्रण अधिकारियों को डिपो से खाद्य सामग्री के सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं. हिमाचल में नवंबर और दिसंबर के अंत में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। ऐसे में खाद्य आपूर्ति निगम ने हिमाचल के बर्फीले इलाकों में अतिरिक्त राशन का कोटा भेज दिया है.
प्रदेश में कुल 19.50 लाख राशन कार्डधारी :
अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने सर्दी को देखते हुए राज्य के लाखों राशन कार्ड धारकों के लिए राहत की घोषणा की है। हिमाचल प्रदेश में 19.50 लाख राशन कार्डधारी हैं, उन्हें अगले माह से राशन डिपो से आधा किलो आटा और मिल जाएगा। चावल की मात्रा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले की तरह छह किलो मिलते रहेंगे। राज्य सरकार की इस पहल से एक हजार क्विंटल आटे की खपत बढ़ेगी।
खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा दिसंबर माह के लिए राज्य के लिए राशन का आवंटन जारी कर दिया गया है। चालू माह नवंबर में प्रत्येक राशन कार्ड पर 12.5 किलो आटा हितग्राहियों को दिया गया। अब नई योजना के तहत दिसंबर माह में 13 किलो आटा देने का प्रावधान है। राशन कार्डधारियों को अनुदानित राशन में तीन दाल माश, मलका और दाल चना, 2 लीटर तेल (रिफाइंड व सरसों), 500 ग्राम चीनी व एक किलो नमक प्रति व्यक्ति शामिल है।
राज्य सरकार द्वारा हितग्राहियों को शक्कर, तेल एवं दाल आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा आटा और चावल दिया जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से कोटेदारों को माह की पहली तारीख (1 दिसंबर) को गोदाम से राशन उठाने का निर्देश दिया गया है. हिमाचल में नवंबर के अंत और दिसंबर की शुरुआत में बारिश और बर्फबारी की संभावना को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।